पंचायती राज सड़क में वन विभाग ने करा दिया अवैध उत्खनन

 



पंचायती राज सड़क में वन विभाग ने करा दिया अवैध उत्खनन

वन विभाग फतेहगढ़ और बिलखेड़ा पंचायत का कमीशन का गठ जोड़।

शिवपुरी /जिले के बमोरी विधानसभा अंतर्गत ग्राम पंचायत बिलखेडा में  सड़क निर्माण को लेकर वन विभाग की कार्यशैली सवालों के घेरे में नजर आने लगी है। यहां सड़क ठेकेदार ने सड़क के दोनो ओर नाली जेसीबी से खुदवाकर सड़क का निर्माण कर दिया। वही पंचायत द्वारा भी एक सड़क का निर्माण मुरमी करण से किया गया है इसमें भी वन विभाग की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है।चक बावड़ीखेड़ा से उपरेनी तक बनाई गई सड़क करीब चार किलोमीटर की है। इस कच्ची सड़क पर ठेकेदार द्वारा सड़क के दोनो ओर जेसीबी से नाली देकर सड़क का निर्माण किया गया है।जबकि यह रास्ता वन विभाग के अंतर्गत आता है। चार किलोमीटर की सड़क पर जेसीबी से दोनो ओर नाली देकर बनाई गई सड़क पर वन विभाग ने केसे स्वीकृति दे दी विचारणीय है । वहीं इसी सड़क पर बिलखेड़ा के लिए बनाई गई लगभग एक किलोमीटर की सड़क वन विभाग और पंचायत के गठ जोड़ की दास्तान बया करता है। इस सड़क पर मुरमी करण किया गया है।पास की ही खदान से अवैध मुरम का उत्खनन कर सड़क का निर्माण किया गया है। यह मुरम की खदान भी वन विभाग में आती है। 

181 सीएम हेल्पलाइन में शिकायत के बाद खदान को चारे से ढक दिया ।

शिकायतकर्ता प्रमोद गुप्ता द्वारा अवेध सड़क निर्माण अवेध नाली निर्माण व अवेध मुरम उत्खनन की शिकायत सीएम हेल्पलाइन 181 पर की गई थी । शिकायत के पश्चात तत्कालीन वन आरक्षक द्वारा उक्त खदान को धान के चारे से ढक दिया गया था । जिससे अगर शिकायत पर कोई वरिष्ठ जांच के लिए आ भी जाए तो इस पर नजर न पड़े और वन आरक्षक पर वसूली की कार्यवाही न हो सके । 

पंचायत और ठेकेदार से वनकर्मियों ने किया सौदा , रॉयल्टी में शासन को लगा दिया चुना  ।

उक्त दोनों सड़को पर सौदा होने पर ही अवेध उत्खनन की अनुमति जिम्मेदार वनकर्मियो के द्वारा दी गई थी । सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार सड़को पर अवैध नाली निर्माण और खदान से मुरम उत्खनन पर वन आरक्षक ने मोटी कमाई की ओर साथ में पंचायत से कमीशन भी लिया । अगर यही मुरम राजस्व से अनुमति लेकर लाई गई होती तो रॉयल्टी जमा की जाती , जिससे शासन के पास आवक होती । पर नियमो को दरकिनार कर ठेकेदार और पंचायत के सचिव इंजीनियर से सांठ गांठ कर वन विभाग के जिम्मेदारों ने तो अपनी जेब भरी साथ ही नही शासन को रॉयल्टी का चूना लगाया ,साथ में प्रकृति को भी अवेध उत्खनन से छती पहुचाई । अब देखना होगा वन विभाग और पंचायत के आला अफसर क्या कार्यवाही करते हैं।या मामले को ठंडे बस्ते में डाल ते हे।

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